नींद को आपके अच्छे स्वास्थ्य का आधार माना गया है। नींद के समय आपका शरीर एक 'मरम्मत वाली स्थिति' में चला जाता है जहाँ पर शरीर की मृत कोशिकाओं की, पचे हुए भोजन और शरीर को विषाक्त तत्वों का उपचार कर के उन्हें शरीर से बाहर करने का काम किया जाता है। आयुर्वेद में बायीं तरफ़ होकर सोने की प्रक्रिया को वाम कुक्षी के नाम से जाना जाता है।
जहाँ अच्छी नींद हमारे लिए आवश्यक है वहीं ये भी उतना ही आवश्यक है कि हम किस तरह से सोते हैं। अतः यहाँ पर बायीं तरफ़ होकर सोने के 5 अनोखें फायदों के बारे में बताया गया है।
जब हम बायीं तऱफ करवट लेकर सोते हैं तो हमारा अमाशय और आँत प्राकृतिक स्थिति में होते हैं। जिससे ये सभी तरह के पाचन रसों और तत्वों को भोजन के साथ मिलकर उसे बेहतर तरीक़े से पचाने में मदद करता है। इसके साथ ही ये गॉलब्लेडर को भी सन्तुलित करता है जिससे ये अमाशय में अम्ल की मात्रा के स्त्राव को नियन्त्रित करता है ताकि भोजन अच्छे से पच सके।
हमारे शरीर का मजबूत लसिका तन्त्र पूरे शरीर को कीटाणुओं और संक्रमण से में मदद करता है। ये इम्युनो सिस्टम का एक जरूरी अंग है। अतः लसिका तरल की सफ़ाई होने के साथ ही इसका सम्पूर्ण शरीर मे उचित प्रवाह भी जरूरी है। इसकी सफ़ाई उस समय बेहतर होती है जब हम बायीं तरफ़ होकर सोतें हैं। अतः बायें तरफ़ करवट लेकर सोने से हमारे लसिका तरल की अच्छी सफ़ाई होती है जिससे कक हमारा इम्युनो सिस्टम भी बेहतर होता है।
जब आप बायीं तरफ़ करवट लेकर सोतें हैं तो आपके रक्त का प्रवाह किडनियों तक बेहतर होता है, जहाँ पर रक्त की सफ़ाई होती है। बायीं तरफ़ होकर सोने से शरीर के विषाक्त तत्व आसानी से बाहर होते हैं। अतः, सिर्फ़ बायीं करवट में सोकर ही आप आसानी से शरीर के विषाक्त तत्वों को बाहर निकाल सकते हैं।
अगर आपको रात के समय मे अम्लों के उल्टे प्रभाव के कारण बार-बार उठना पड़ता है तो आप बायीं करवट में सोना शुरू कर दें।आपकी ये समस्या तत्काल ही ख़त्म हो जाएगी। ये बात शोध में भी सामने आयी है कि GERD के मरीज़ों के लिए दायें करवट में सोने से ज़्यादा फ़ायदेमन्द बायें करवट में सोना होता है।
अगर आपका लीवर, गॉलब्लेडर और आँत सही तरह से कार्य करता है तो ये हमारे भोजन को अच्छे से पचाकर पोषक तत्वों को हमारे शरीर मे संग्रहित होने में मदद करता है, जिससे कि शरीर मे ऊर्जा का भी अधिक संचार होता है। बायीं तरफ़ होकर सोने का दूसरा लाभ ये है कि इससे शरीर मे अम्ल तत्वों का उल्टा प्रवाह नहीं होता है जिससे रात के समय मे हमें अच्छी नींद आती है और हमें बार-बार उठना नहीं पड़ता है।
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