बहुत से लोग अच्छे स्वास्थ्य के महत्व को समझ नहीं पाते और अगर वो इसे समझते भी हैं तो इसकी परवाह नहीं करते। चाहे हम घर में या ऑफिस में काम करें, अपने काम को अच्छी तरह से करने के लिए हमें अच्छी सेहत की जरूरत होती है। जब लोग सेहत की बात करते हैं तो उनका आमतौर पर मतलब शरीर की दशा से होता है। हालाँकि स्वस्थ होने का मतलब केवल शरीर के दर्द या बीमारियों से दूर रहना नहीं होता। एक अच्छे स्वास्थ्य का मतलब एक स्वस्थ दिमाग से होता है।
अच्छी सेहत की जरूरत सबको होती है, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय का हो। अधिकतर बीमारियों की जड़ दिमाग में ही होती है। एक आदमी को तभी स्वस्थ कहा जा सकता है जब उसका शरीर स्वस्थ और उसका दिमाग मानसिक तौर पर स्पष्ट और शांत हो। हो सकता है कई लोग सुख-सुविधाओं को लेकर दुखी ना हों मगर वो मनोवैज्ञानिक कारणों से दुखी या चिड़चिड़े हो सकते हैं।
ऐसे लोगों को तनाव की वजह से नींद न आने की परेशानी हो सकती है या वो चिड़चिड़े और दिशा विहीन हो सकते हैं। ये सारी दिक्कतें एक असंतुलित दिमाग का ही परिणाम हैं।
दुर्भाग्यवश खुश रहने के लिए हमारी ज्यादातर कोशिशें शारीरिक सुख बढ़ाने को लेकर होती हैं। हम ज्यादातर कोशिशें भौतिक सुख जैसे अच्छी सैलेरी, ऊँचा दर्जा, बड़ा घर, महंगी कार, जेवर- जेवरात आदि के लिए ही करते हैं, क्योंकि हमें ऐसा लगता है कि ये चीजें हमें खुशी देती हैं। शायद ही कभी हम अपने दिमाग और आत्मा पर ध्यान देने के लिए उतना समय दे पाते हैं, जितना समय और संसाधन हम अपनी शारीरिक जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश में खर्च करते हैं, हम अभी भी शारीरिक जरूरतों को पूरा करके संतुष्ट होने के बावजूद स्थायी शांति और खुशी पाने में असमर्थ हैं। क्योंकि हमने अभी तक ये नहीं सीखा है कि हम कैसे अपने दिमाग और आत्मा की सुन सकते हैं ।
एक आदमी पाँच तत्वों से मिलकर बना है। प्राचीन आयुर्वेद स्वास्थ्य प्रणाली ने इस बात के बारे में पाँच हजार साल पहले ही बताया था कि जब हम एक संतुलित जीवन की बात करते हैं तो इसमें सिर्फ शरीर ही नहीं दिमाग और आत्मा भी आते हैं। आयुर्वेद का ज्ञान एक गहरा सागर है क्योंकि ये शरीर, मन और आत्मा को शांत रखने में मददगार है। ये हमे स्वच्छता, जीवन जीने की कला और जीने-मरने से जुड़ी बातों के बारे में बताता है जो हमें पूरी तरह से स्वस्थ रहने की प्रेरणा देता है।
हम जो भी चीजें खाते हैं वो या तो हमें पोषण देता है या हमें नुकसान पहुंचाता है। खाने पीने की ऐसी चीजें, जैसे डिब्बाबंद पदार्थ, जिन्हें आवश्यकता से ज्यादा समय संरक्षित करके रखा जाता है, वो हमारे लिए घातक होता है। आधुनिक प्रकिया से तैयार हुई खाने-पीने की चीजें जिसे लंबे समय तक रखने के हिसाब से तैयार किया जाता है वो खाने को एक तरह के जहर में बदल देता है, जिससे हमारे शरीर को नुकसान पहुँचता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त आहार, जिसमें हरी सब्जियां, दाल, सेम, दूध से बनी चीजें और प्रोटीन जरूरी है। स्वस्थ भोजन के अलावा, हमें अच्छी नींद, ताजी हवा और शारीरिक व्यायाम, जैसे- योगासन या अन्य खेलों की भी जरूरत होती है।
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