दिल की बीमारियां दुनिया के सबसे बड़े हत्यारों में से है, जो सालाना 17.3 मिलियन लोगों की मौत का कारण बनती है। पूरी दुनिया में कई सरकारें दिल से जुड़ी बीमारियों के फैलाव को नियंत्रित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। सैकड़ों रोगियों की मदद करने के लिए दवाइयों, सर्जिकल प्रक्रियाओं पर अरबों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इन सबके बावजूद, दिल की बीमारियाँ पूरे विश्व के लोगों को अपना आसान शिकार बना रही है। यह साबित करता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है।
तो, हम कहाँ गलत साबित हो रहे हैं? इस बढ़ते खतरे से खुद को बचाने के लिए हम क्या कर सकते हैं? इसका जवाब आयुर्वेद में पाया जा सकता है क्योंकि यही है दुनिया का सबसे पुराने उपचार का विज्ञान
किसी भी अन्य कारण के मुकाबले पूरेविश्व में हृदय रोग से सालानाहजारों लोगों की मौत होती है
2008 में हृदय रोगों से अनुमानित 17.3 मिलियन लोगों की मौत हुई, जो वैश्विक मौतों के आंकड़ों में30% का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन मौतों में से अनुमानित 7.3 मिलियन में तो कोरोनरी हृदय रोग एक कारण था और 6.2 मिलियन लोगों में स्ट्रोक एक बड़ा कारण था।
कम और मध्यम आय वाले देश असमान रूप से इससे प्रभावित होते हैं: 80% से अधिक हृदय रोग की हुए मौतों में निम्न और मध्यम आय वाले देश शामिल हैं और लगभग पुरुषों और महिलाओं की संख्या समान होती है। 2030 तक, लगभग 23.6 मिलियन लोग दिल की बीमारियों से मारे जाएंगे। वर्तमान अनुमानों से पता चलता है कि वर्ष 2020 तक भारत पर दुनिया का सबसे बड़ा कार्डियोवैस्कुलर बीमारी का बोझ होगा।
भारत में मौतों का पांचवां हिस्सा कोरोनरी हृदय रोग का है। साल2020 तक, यह सभी मौतों काएक तिहाई होगा। अफसोस की बात है कि, इनमें से कई भारतीय युवाओं की मृत्यु हो रही है क्योंकि भारत में हृदय रोग 10 से 15 साल पहले पश्चिम की तुलना में कम था।
भारत में कोरोनरी धमनी रोग के अनुमानित 45 मिलियन रोगी हैं। रोलर कोस्टर जीवन शैली की वजह से लाखों लोगों का भविष्य खतरनाक स्थिति में है। आयुर्वेद के मुताबिक, दिल हृदय चक्र यानि अनाहत चक्र में स्थित है। यह चक्र शारीरिक रूप से हृदय, मन, भावनाओं और आत्मा में है। घर के केंद्रीय गर्डर की तरह, हृदय शरीर के इन सभी पहलुओं को एक साथ रखता है। इसलिए, अगर इनमें से कोई भी तत्व संतुलन से बाहर है या एक अस्वास्थ्यकर स्थिति में है, तो यह अन्य भागों को प्रभावित करता है, जिससे हृदय रोग होता है।
जब हृदय से संबंधित बीमारियों की बात आती है तो हृदय की सेहत सबसे ज्यादा तनावग्रस्त होती है। दोषपूर्ण आहार की आदतें, खराब जीवन शैली, तम्बाकू का प्रयोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे और हाई कॉलेस्ट्रॉल हृदय रोग के लिए बड़ा जोखिम है।
ताजा फल और सब्जियां खाएं
ताजा, घर में पका हुआ भोजन करें
तंबाकू से दूर रहें
शरीर की वसा को घटाएं, अगर आप मोटे हैं तो वज़नकम करें
नमक का सेवन कम करें
अनाज खाएं
सैचुरेटेड फैट का सेवन कम करें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, रोज़ 30 मिनट व्यायाम करें
आयुर्वेदिक चाय के कप के साथ अपना दिन शुरू करें। फिर, पहले भोजन के लिए, ओट्स, दलिया, सूजी, उपमा, इडली, या पोहे को चुनें। इन सभी खाद्य पदार्थो में वसा कम मात्रा में है और फाइबर भरपूर मात्रा में है। फलों मेंअंगूर या पपीता का सेवन करें। आप नाश्ते में भीगे हुए मेवे और कोलेस्ट्रॉल फ्री दूध भी ले सकते हैं।
मूँग और पालक दाल का सेवन करें, यह मक्खन या घी में न पकाकर सूरजमुखी के तेल में पकाया गया होना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रण में रहे। दोपहर के भोजन के लिए चपाती और मौसमी हरी सब्जियां लें। पाचन को बढ़ाने के लिए आप मक्खन भी ले सकते हैं।
अगर आपको शाम को भूख लगती है, तो भुना हुआ चना और अखरोट का सेवन करें। ये दोनों स्नैक्स ऊर्जा से भरे हुए हैं और यह सामान्य थकान पर काबू पाने में आपकी मदद करेंगे।
रात्रिभोज के लिए अरहर, मूंग दाल और चपाती के सेवन की सलाह दी जाती है। बहुत सारी हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें क्योंकि उनमें फाइबर होता है जो आपके मूत्र और मल त्याग को आसान बनाते हैं। सोने से पहले आधा कप गाय का स्किम्ड दूध का सेवन करें।
To Know more , talk to a Jiva doctor. Dial 0129-4040404 or click on Our Doctors.
SHARE:
TAGS:
HOW TO REDUCE PITTA IMMEDIATELY ACCORDING TO AYURVEDA
सेहतमंद हृदय के लिए आहार
Protect your Heart with Ayurveda
Simple home remedies for Hypertension
उरोबस्ती
आयुर्वेद और दिल
A Healthy Heart with Ayurveda
Diet Management - Ayurveda's Take On Spiking Cholesterol Levels
3 Ayurvedic Tips that Benefit Your Heart
Herb It Up For A Healthy Heart